Saturday, June 9, 2007

परमात्मा से जुड़ने के लिए संसार का मोह त्यागना जरूरी : अक्षयानंद

इंदिरापुरम, जासंकें : कथा व्यास स्वामी अक्षयानंद ने कहा कि जब तक देह से मोह रहेगा, मनुष्य ईश्वर से नहीं जुड़ सकता। परमात्मा से जुड़ने के लिए संसार से मोह त्यागना होगा। श्री नारायण भक्ति ज्ञान सत्संग मंडल की ओर से चल रही श्रीमद्भागवत कथा में उन्होंने कहा कि जब तक जीव इस प्रकृति के जड़त्व को पार नहीं कर पाता तब तक उस अनंत का साक्षात्कार नहीं कर पाता। शरीर एक आवरण की तरह है जिसके भीतर अविनाशी परमात्मा का वास है और परमात्मा से तभी मिला जा सकता है जब देह का मोह भंग हो जाए। मनुष्य संसार में रहते हुए देह रूपी आवरण के ऊपर भी न जाने कितने ही आवरण चढ़ा लेता है जिसे मोह में फंसकर वह केवल सांसारिक सुख के बारे में ही सोचता है। भक्ति से जुड़ने के लिए यह समझना जरूरी है कि इस संसार में जो कुछ भी मिला है वह अपना नहीं है। अगर ऐसा होता तो हमेशा हमारे पास ही रहता जबकि कुछ समय के बाद शरीर साथ छोड़ देता है। इसलिए देह का मोह त्यागकर ईश्वर से जुड़ने का प्रयास करना चाहिए।

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