Sunday, June 10, 2007

बढ़ता पारा हुआ जानलेवा साबित!

गाजियाबाद, जागरण संवाद केंद्र : महानगर में बढ़ता पारा लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। रविवार को आकस्मिक मौत का रिकार्ड टूट गया। रविवार को हिंडन तट पर 40 शव पहुंचे। बड़ी संख्या में शव पहुंचने की वजह से अंतिम संस्कार स्थल की कमी पड़ गयी। नदी किनारे कई शवों का अंतिम संस्कार करना पड़ा। देर रात तक शव लाने का सिलसिला शमशान पर जारी थी। गर्मी का प्रकोप दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। आसमान से बरस रही आग जानलेवा साबित हो रही है। पिछले दो दिनों में साठ से अधिक लोगों की मौत हुई है। रविवार को महानगर के विभिन्न इलाकों में पचास से अधिक लोगों ने दम तोड़ा। इनमें से अधिकांश वृद्ध थे। आशंका जताई जा रही है कि इनमें से कई गर्मी बर्दाश्त न कर पाने की वजह से दम तोड़ गये। रविवार की सुबह से देर शाम तक हिंडन नदी स्थित अंतिम संस्कार केंद्र पर 40 शव पहुंच चुके थे। इतने अधिक शवों के पहुंचने से अंतिम संस्कार की व्यवस्था लड़खड़ा गई। अंतिम संस्कार स्थल पर अंत्येष्टि के लिये कुल 58 प्लेटफार्म बने हुए हैं। शनिवार को भी अंत्येष्टि के लिये रिकार्ड 28 शव यहां पहुंचे थे। इस कारण अंतिम संस्कार के लिये रविवार को तीस प्लेटफार्म ही शेष रह गये थे। इन तीस प्लेटफार्म भी चार बजे तक पहुंचे शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। इसके बाद पहुंचे शवों के अंतिम संस्कार को लेकर अड़चन खड़ी हो गयी। गऊपुरी निवासी सुरेश चंद्र, राकेश मार्ग निवासी चंद्रवती देवी, गांधीनगर निवासी कमलावती, पटेल नगर निवासी संतोष जौहर, दौलतपुरा निवासी देवेंद्र कुमार, सिकरोड निवासी चौधरी ब्रहम सिंह, नूरनगर निवासी चंदो देवी, शिब्बनपुरा निवासी भगवान दास व साहिबाबाद निवासी धनवंती देवी का अंतिम संस्कार हिंडन नदी के तट पर करना पड़ा। संस्कार करवाने वाली संस्था का कहना है कि इस गमर्ीं ने मौत का रिकार्ड तोड़ दिया। इससे पूर्व दो साल पहले एक ही दिन में 28 शवों का अंतिम संस्कार किया गया था। संस्था का कहना है कि दो दिन में इतनी बड़ी संख्या में शवों की अंत्येष्टि भी एक रिकार्ड है। इससे पहले दो दिनों में इतनी बड़ी संख्या में शव यहां नहीं लाये गये थे।

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