Sunday, June 10, 2007

जीडीए पर ड्रा में धांधली करने का आरोप

इंद्रप्रस्थ आवासीय भूखंड योजना के ड्रा के दौरान सफल आवेदकों के रूप में अमीता, रंजना, नरोत्तम, बाल किशन को घोषित किया गया, जबकि उनके स्थान पर गुपचुप तरीके से किसी अन्य को प्लाट आवंटित कर दिए गए। इस तरह का खुलासा नगर निगम के पार्षद राजेंद्र त्यागी ने रविवार को स्थानीय आरडीसी कालोनी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में किया। उन्होंने ड्रा के दौरान तैयार कराई गई वीडियोग्राफी की कैसेट भी संवाददाता सम्मेलन में वितरित की। उन्होंने आरोप लगाते हुए खुलासा किया कि 17 फरवरी 2007 को 59 प्लाटों के आवंटन में से 28 प्रकरणों में हेराफेरी किए जाने के संबंधित दस्तावेज उनके पास उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि अब तमाम उन सफल आवेदकों से संपर्क किए जाने की मुहिम छेड़ी जाएगी जिनके स्थान पर दूसरे को प्लाट दिया गया। वर्तमान जीडीए सचिव राजकुमार सचान बताते हैं कि यह मामला गंभीर है। इससे संबंधित तथ्यों की जानकारी एकत्र करके पड़ताल कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों या कर्मचारियों के खिलाफ शासन से कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। श्री त्यागी ने कहा कि फरवरी माह में जीडीए के किए इंद्रप्रस्थ कालोनी के 112,120 व 162 एवं 200 वर्ग मीटर के भूखंड के ड्रा की पड़ताल होती है तो इस तरह के 50 से अधिक मामलों का खुलासा होगा। उन्होंने पूरे प्रकरण से संबंधित वीडियो कैसेट एवं दस्तावेज मुख्य मंत्री, मुख्य सचिव एवं एवं आवास सचिव के अलावा जीडीए उपाध्यक्ष एस.के.द्विवेदी, सचिव राजकुमार सचान को भी भेजी है। उन्होंने खुलासा किया कि जीडीए ने इंद्रप्रस्थ के 112, 120 वर्ग मीटर साइज के भूखंडों का ड्रा 9 फरवरी को इसी साल रखा था। ड्रा के दौरान पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वीडियो-ग्राफी कराने की मांग की गई थी। इसके बाद भी ड्रा की वीडियोग्राफी नहीं कराई गई। श्री त्यागी ने कहा कि 13 फरवरी को 162 वर्ग मीटर साइज के भूखंडों का ड्रा हुआ था। इस दौरान प्रक्रिया को लेकर आपत्ति जताए जाने पर आवेदक के साथ न सिर्फ अभद्रता की गई, बल्कि आवेदक को थाना सिहानी गेट पुलिस के हवाले कर दिया गया था। कुछ प्लाट ड्रा के दौरान रोक लिए गए थे। उन्होंने कहा कि 17 फरवरी को 200 वर्ग मीटर साइज के कुल 59 प्लाटों का ड्रा होना था। 162 वर्ग मीटर साइज के प्लाटों के ड्रा का किसी तरह का कार्यक्रम नहीं था। इसके बाद भी गुपचुप तरीके से 162 वर्ग मीटर के 13 प्लाटों का ड्रा किया गया। इसका प्रमाण जीडीए की तरफ से समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन है। श्री त्यागी ने कहा कि नियमत: सफल आवेदकों की सूची ड्रा के कुछ घंटे के बाद अथवा ठीक अगले दिवस नोटिस बोर्ड के अतिरिक्त समाचार पत्रों के माध्यम से जारी होनी चाहिए थी, लेकिन जीडीए ने तीन माह बाद 22 मई को सफल आवेदकों की सूची जारी की। उन्होंने आरोप लगाया कि यह तमाम खेल व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि 200 वर्ग मीटर साइज के प्लाट आवंटन के एवज में सात एवं 162 वर्ग मीटर का प्लाट आवंटन किए जाने के बदले पांच लाख रुपये की रिश्वत ली गई। उन्होंने कहा कि ड्रा के बाद 28 सफल आवेदकों के स्थान दूसरे लोगों को प्लाट दिए जाने के तथ्य उनके पास उपलब्ध है। उन्होंने सवाल किया कि जब 17 फरवरी में सिर्फ 200 वर्ग मीटर साइज के प्लाटों का ड्रा होना था, ऐसे में इसी दिवस 162 वर्ग मीटर साइज के प्लाटों का किस आधार पर ड्रा रखा गया?

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